पहाड़ पर
भूल नहीं पाती
पहाड़ पर बितायी एक शाम
घाटियों में घिरती धुंध
हवाओं पर लिखा तुम्हारा नाम......
दूर-दूर तक फैला
हरियाला आँचल
कल्पना लोक में उड़ चला
मन पाखी चंचल
पहाड़ से उतर आई
लेकर पहाड़ की यादें तमाम......
आँखों में बसी हैं
पहाड़ की ऊँची चोटियाँ
खुशबू से महकती घाटियाँ
घुमावदार पगडंडियाँ
पहाड़ का खुशनुमा मौसम
जोड़ता कितने रिश्ते अनाम......
पहाड़ की धूप चटकीली
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