Wednesday, October 6, 2010

चलना होगा साथ-साथ

चलना होगा साथ-साथ

                  
रहते हों चाहे किसी देश में
आवश्यकताएँ सबकी एक हैं
बोलते हों चाहे कोई भाषा-बोली
अभिव्यक्ति भावनाओं की एक है....
बँटी हुई है धरती, देश-प्रदेश में
दिखते लोग अलग-अलग वेश में
भिन्नता हो चाहे जितनी
लहू का रंग सबका एक है......
उत्पीड़न सहना पड़ता, जाति-धर्म, रंग-भेद पर
बड़े-बड़े विवाद गहराते, आपसी मतभेद पर
विसंगतियाँ हों चाहे जितनी,
संवेदना का स्वर तो एक है.....
त्वरित संचार, अंतर्जाल ने
जोड़ने का प्रयास किया सबको
सबके मन में प्रेम जगा दे
ऐसा मंत्र खोजना होगा हमको
सुख के क्षण सबको भाते
दुख भी सबका एक है.......
मानवता की एक परिभाषा
विचारों की विस्तृत धरा पर
व्यापक दृष्टिकोण अपनायें
संकीर्णता को दूर कर
रहे परस्पर सौहार्द
विश्व मैत्री का सूत्र केवल एक है.....
हो सबका विकास, सबका उत्कर्ष
मानव सभी समान हैं
सबका सहयोग, सुप्रीति, सुनीति
शांति के संधान हैं
देश हों चाहे अलग-अलग
विश्व मंच तो एक है.......
एक ध्येय को सामने रख
चलना होगा साथ-साथ
स्वार्थ से ऊपर उठकर
देखना होगा वैश्विक परमार्थ
विषमताएँ चाहे जितनी हों
समता का लक्ष्य तो एक है 






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